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जोड़ोंं का दर्द – कारण और निवारण

आरोग्यं धनसंपदा संपत्ति: धर्ममूलं सुखं च यत्।
एतत् दर्पणः शास्त्रं पञ्चसूत्रं पितामह:।।

स्वास्थ्य, धन, संपत्ति, धर्म और खुशी की जड़,
यह दर्पण है, धर्मग्रंथ है, पितामह के पाँच सूत्र हैं।

कहा गया है, पहला सुख निरोगी काया। काया ही आप की असली सम्पत्ति है। काया के दुश्मन हैं रोग, और जोड़ों का रोग उन्हीं दुश्मनों में से एक है। शरीर का अंग शरीर पर तो होता है मगर हिलते डुलते समय अंग में होने वाली पीड़ा से बचने के लिए तो शायद काफी बार हम अंग को हिलाना भी नहीं चाहते । शरीर जकड़ा हुआ लगता है । जी भर के उछल कूद करना मानो एक सपना लगने लगता है । कितना बड़ा आघात है उस दौर में, जहां हर चीज़ में तेज़ी है और वहां शरीर शिथिल हो चुका हो ।

जोड़ोंं का दर्द कोई नई बात नहींं है । बीमारी पूरानी है तो इस का इलाज भी उतना ही पूराना है । बस हम भूल गए हैं ! आचार्य चरक , भारत के पौराणिक गौरवशाली इतिहास में नाम तो सुना ही होगा ? अगर नहींं, तो आज जान जाएंगे, “चरक संहिता” आचार्य चरक  द्वारा रचित एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ है, जिसमें रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाओं का उल्लेख है । रोगों से संबंधित समस्या कोई भी हो, उपचार यहाँ जरूर मिलेगा और आप के जोड़ोंं के दर्द का इलाज भी इसी आयुर्वेद ग्रन्थ में है । 

आखिर जोड़ोंं का दर्द है क्या ? 

जोड़ोंं का दर्द एक आम समस्या है जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है। दर्द जोड़ोंं के बीच की संयोजन के कारण होता है, जो अक्सर उम्र बढ़ने, आत्याधिक शारीरिक कार्यों, या अन्य कारणों से हो सकता है। शरीर में कई प्रकार के जोड़ होते हैं, जो हड्डियों को एक साथ जोड़ने और उन्हें संरक्षित रखने में मदद करते हैं। ये जोड़ विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे कि घुटनों के जोड़, कंधों के जोड़, कूल्हों के जोड़, उंगलियों के जोड़ ,मांसपेशियों के जोड़, आदि। 

दर्द हाथ, पैर, घुटने, कंधे, या अन्य जोड़ोंं में महसूस हो सकता है और इसे जोड़ोंं की चोट, जोड़ोंं की सूजन, रूमेटोयड आर्थराइटिस, गठिया, ओस्टियोआर्थ्राइटिस, शारीरिक गतिविधियों में कमी, या अन्य संबंधित समस्याएं के साथ जोड़ा जाता है। दर्द आमतौर पर जोड़ के बाहरी हिस्सों, जैसे कि सूजन या प्रेशर के कारण होता है, लेकिन कई बार यह आंतरिक संरचनाओं में भी हो सकता है। दर्द उठने – बैठने के समय ,या सुबह के समय अधिक होता है। इसे अक्सर बेहतर बनाने के लिए आराम और आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता होती है।

जोड़ोंं में दर्द का कारण:

  • गाउट: एक प्रकार की हड्डी की बीमारी जिसमें हड्डियों के बीच की जोड़ोंं में सूजन और दर्द होता है।
  • वायरस के कारण संक्रमण: वायरस के संक्रमण के कारण हड्डियों में सूजन और दर्द हो सकता है।
  • चोट: चोट, जैसे कि हड्डी के टूटने या फ्रैक्चर, हड्डियों में सूजन और दर्द के कारण बन सकते हैं।
  • अर्थराइटिस: हड्डियों में सूजन और दर्द का एक प्रकार जिसमें हड्डियों के बीच की जोड़ोंं में सूजन होती है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस (हड्डियों का संक्रमण): उम्र बढ़ने, हड्डियों के उपयुक्त संरचनाओं का नुकसान, जीवाणुओं या अन्य कारणों से हड्डियों में संक्रमण के कारण हड्डियों में सूजन और दर्द होता है।
  • रुमेटीइड अर्थराइटिस:  रुमेटीइड अर्थराइटिस (आरए) एक पुरानी (लंबे समय तक चलने वाली) ऑटोइम्यून बीमारी है जो ज्यादातर जोड़ों को प्रभावित करती है। आरए तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली, जो आम तौर पर शरीर को संक्रमण और बीमारी से बचाने में मदद करती है, अपने ही ऊतकों पर हमला करती है। इस रोग के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन, कठोरता और कार्य की हानि होती है। प्रारंभिक रुमेटीइड गठिया सबसे पहले आपके छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है – विशेष रूप से वे जोड़ जो आपकी उंगलियों को आपके हाथों से और आपके पैर की उंगलियों को आपके पैरों से जोड़ते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लक्षण अक्सर कलाई, घुटनों, टखनों, कोहनी, कूल्हों और कंधों तक फैल जाते हैं।
  • पॉलीआर्टिकुलर जोड़ोंं का दर्द: एक प्रकार का दर्द जिसमें केवल एक से अधिक जोड़ शामिल होते हैं।
  • अर्थ्रेल्जिया:  अर्थ्रेल्जिया एक प्रकार का अर्थराइटिस है जो किसी विशेष कारण से होता है, जैसे कि घाव, जकड़न, ज्वर, या शारीरिक चोट। यह अक्सर विभिन्न शारीरिक या चिकित्सा समस्याओं के लक्षण के रूप में दिखाई देता है, जैसे कि गठिया, शिशुरोग, लुपस, या स्क्लेरोडर्मा।
  • दर्द जिसमें जोड़ोंं में जलन होती है: संधि की संवेदनशीलता, जोड़ों के घाव, ज्वर, या अन्य शारीरिक समस्याएं जिसमें जोड़ोंं में दर्द के साथ साथ जोड़ों में जलन भी होती है।

आयुर्वेद में जोड़ोंं के दर्द का निवारण:

आयुर्वेद में एक नहीं बहुत सारे समाधान हैं। ज्यादातर चीज़ें हमारे रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली हैं । इनमें जैतून का तेल, सरसों का तेल, अरंडी का तेल, नीम, त्रिफला, गिलोय, हल्दी, अलसी सीड तेल और अन्य जड़ी-बूटियां शामिल हैं। चीज़ें बहुत हैं, क्या इस्तेमाल करे क्या नहीं?, कितनी मात्र में और कितना इस्तेमाल करें? यह एक परेशानी बन सकती है। मगर जहां चाह वहां राह। आज के व्यस्त दौर में  इसका सबसे आसान उपाय है – आयुगेन ऑर्थो तेल; आयुर्वेदिक सिद्धान्तो पर बना शुद्ध आयुगेन ऑर्थो तेल , शरीर के हर जोड़ों के दर्द के लिए एक बेहतरीन उपाए ।

आयुगेन ऑर्थो तेल:  

आयुगेन का आयुर्वेदिक ऑर्थो तेल प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण है जैसे कि तिल का तेल, विंटर ग्रीन तेल, टर्पेंटाइन तेल, नीलगिरी तेल, फ्लेक्स सीड तेल, इंद्रायण, मेथी, सुरंजा, एलोवेरा, अजवाइन, अश्वगंधा । ऑर्थो  तेल जोड़ोंं और मांसपेशियों के दर्द और कई अन्य संबंधित समस्याओं जैसे कि गठिया, रूमेटॉइड गठिया, और कई अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता हैं । ऑर्थो तेल एक चिकनी बनावट वाला है, जिससे इसे लगाना आसान होता है क्योंकि यह त्वचा में अच्छे से समा जाता है और बहुत अधिक चिपचिपा या असहज महसूस नहींं होता। आयुगेन का ऑर्थो तेल सभी प्रकार के जोड़ोंं और मांसपेशियों के दर्द और असहजताओं के लिए एक प्रभावशाली समाधान है। 

इस ऑर्थोपेडिक तेल का नियमित उपयोग करने से आपको अपने जोड़ोंं और मांसपेशियों के दर्द से बहुत जल्दी राहत मिलेगी, चाहे किसी भी प्रकार की पुरानी हड्डी की बीमारी, मांसपेशियों के दर्द, इत्यादि । ऑर्थो तेल पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसलिए इसका इस्तेमाल करने पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहींं होता है। यह तेल भारत में सर्वश्रेष्ठ जोड़ोंं के दर्द के निवारण वाला तेल माना जाता है और इसने अब तक लाखों उपयोगकर्ताओं का भरोसा जीता है। जो लोग जोड़ोंं और मांसपेशियों के दर्द से पीड़ित हैं, उनके लिए यह ऑर्थोपेडिक तेल आवश्यकता बन चुका है । 

निष्कर्ष:  यूँ तो आयुर्वेद के नाम पर बड़े बड़े दावे किये जाते हैं । उत्पादों का आयुर्वेदिक होने का दावा किया जाता है मगर सच जानो तो, सब रसायन की मिलावट । मिलावट के इस दौर में शुद्धता के हर माप पर खरा उतरने वाला आयुगेन का आयुर्वेदिक ऑर्थो तेल, जोड़ोंं के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार एवं आयुर्वेदिक तेल एक अत्यंत महत्वपूर्ण समाधान हैं। आयुर्वेदिक तेल के प्रयोग से जोड़ोंं के दर्द में राहत मिलने के साथ-साथ संबंधित समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। आयुगेन आयुर्वेदिक ऑर्थो तेल प्राकृतिक होने के साथ ही सुरक्षित और प्रभावी भी है, जिससे उपयोगकर्ता को कोई साइड इफेक्ट नहींं होता है। इसलिए, आयुगेन आयुर्वेदिक ऑर्थो  तेल का उपयोग करके जोड़ोंं के दर्द से पीड़ित लोग अपनी दिनचर्या में सुधार ला सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं।

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